सूरदास जी के पद

27 Part

144 times read

1 Liked

मुखहिं बजावत बेनु धनि यह बृंदावन की रेनु। नंदकिसोर चरावत गैयां मुखहिं बजावत बेनु॥ मनमोहन को ध्यान धरै जिय अति सुख पावत चैन। चलत कहां मन बस पुरातन जहां कछु लेन ...

Chapter

×